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Priyank Khare

Abstract

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Priyank Khare

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"पूंजी की बचत"

"पूंजी की बचत"

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जमा पूंजी है मूल आधार

बचत है भविष्य का सार


न्यूनतम बचत पूंजी से ही

वृहद पूंजी का आकार


मानव हारा ये जग हारा

जमा हुई पूंजी को गंवाया


जीवन सार सत्य यही

अपने व्याधि में लगाया


कमाई पूंजी से सुख कहां

बल्कि कष्ट में उपभोग है


बची रखी थी जो भी पूंजी

शारीरिक कष्ट में उपयोग है


बिन पूंजी दुर्लभ जीवन

जमा पैसा ही अब शेष है


खर्चे हैं तो पूंजी से ही

जमा पूंजी ही विशेष है।



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