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Sudhir Srivastava

Romance

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Sudhir Srivastava

Romance

पतवार बन जाना

पतवार बन जाना

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तुझमें दिखता मेरा बचपन

तू जीवन की डोर है,

तुझ में दिखता अक्स मेरा

तू मेरे जीवन की भोर है।

तू देख लगता है मुझको

जीवन में उत्साह भर गया,

तेरे संग जीवन जीने का

जीवन में नवरंग भर गया।

तेरे संग जो खुशियां मिलती

बस और न कोई अभिलाषा है,

उँगली थामे हरदम रहना

अब तो बस इतनी आशा है।

मेरे प्यारे जीवन तारे

आँखों से तू दूर न जाना,

अपने बाबा की मुक्ति का

बस तुम पतवार तो बन जाना।


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