पृथ्वी को समझो
पृथ्वी को समझो
पृथ्वी को समझो अपने माँ के समान
इसी से तो हैं हमारी जिंदगी -ए- जान।
बिन मांगे कितना कुछ देती हैं वो प्यार से
फ़र्ज़ बनता हैं हमरा कदर करे और संभाले
अपनी पृथ्वी माँ को दिलों जान से।
पृथ्वी को समझो अपने माँ के समान
इसी से तो हैं हमारी जिंदगी -ए- जान।
बिन मांगे कितना कुछ देती हैं वो प्यार से
फ़र्ज़ बनता हैं हमरा कदर करे और संभाले
अपनी पृथ्वी माँ को दिलों जान से।