पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
दिन प्रतिदिन,उठ सुबह सवेर ~
धरती माँ को~शीष नंवाएँ !
हाँथों से~स्पर्श~करें फिर ~
नित-नित यही मंत्र दोहराएं !!
*नमो-नमो धरती महारानी*
*जय हो जयहो~मातारानी*
धरा ही घर हे,छत हे आसमान।
जल ही जीवन है, और वायु ही जान।।
इन्हें क्यों नष्ट फिर कर रहे हो इंसान।
सोचो समझो जानो इनसे ही बचेंगे यहां प्राण।।