प्रकृति की सुंदरता
प्रकृति की सुंदरता
प्रकृति की सुंदरता अद्भुत है
इसकी हर चीज बहुत खूब है
सवेरे पक्षियों का मधुर कलरव,
जिंदगी की देता ऊर्जा नव है
उदय होता हुआ लाल सूरज,
तम का खत्म कर रहा रब है
प्रकृति की सुंदरता अद्भुत है
हमें देती नव-जीवन नित है
सुबह की मीठी-मीठी धूप
मन को देती सुंदर रूप है
जब भी साखी उदास होता,
प्रकृति के आंचल में सोता,
इससे मिलती हरदर्द की दवा,
ये चिकित्सक बहुत खूब है
प्रकृति की सुंदरता अद्भुत है
इसका हमसे रिश्ता अटूट है
ये सलामत तो हम सलामत,
इसके प्रकृति के बिना,
हम बिना बहारों की रुत है प्रकृति माँ,
हम इसके सूत है प्रकृति से
चल रहा जीवन है, बिन इसके, साखी,
हम बिन सांसों के बुत है।