प्रक्रिया
प्रक्रिया
सुबह-सवेरे सूरज का उजाला,
सम्पूर्ण जग में प्रकाश फैलाना।
नन्हें पैरों से धरती पर आना,
मनुष्य रुप में बच्चे का खिलखिलाना।
दोपहर जैसे स्फूर्ति का आना,
सूरज देवता का सिर पे चढ़ जाना।
बच्चे से इंसान का बड़ा होना ,
परिवार केे लिए भागना - दौड़ना।
संध्या का जैसे आरंभ होना,
सूर्य का धीरे-धीरे अस्त हो जाना।
मनुष्य केे शरीर मैं थकावट का आना,
इशारा करे कि आगया बुढ़ापा।
रात का छाना , अंधकार का आना,
रोशनी का जैसे गायब हो जाना।
मनुष्य जीवन का अँधेेरे मैं खोना ,
मतलब पंच तत्वों मैं विलीन होना।