अनुभव
अनुभव
अजनबी राह ऐसी जहाँ चलना है अकेला,
बड़े प्यार से कहते उसे जिंदगी का मेला।
दो दिन कि दुुनिया जहाँ पार लगानी है नइया,
इसी रीत को कहते है जीवन का पइया।
कभी दे एक पल का दुुःख ,कभी दूूूगना उसका फल,
परेशानिया तो हाथ पे है खड़ी,बस ढूंढना है उनका हल
टूट गिर जो खड़ा होए करे समय सीमा को पार,
उसीका इस संसार मे होता है उद्धार।
सीना ताने खड़ा पर्वत जो डरे ना तूफानों से,
दाद दे उस हिम्मत की जो बात करे चट्टानोंं से।
कूद पड़े जो जंग मे खुद पर कर विश्वास,
उसी का इस जग मे जीवन है आबाद।
