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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Abstract Romance

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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Abstract Romance

प्रिये तुम्हारे बाद !

प्रिये तुम्हारे बाद !

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बेचैनी की व्याख्या, उलझन के अनुवाद ।

रात दिवस करता फिरे, हृदय तुम्हारे बाद ।।


बूँद-बूँद आँसू चखे, घूँट-घूँट फरियाद ।

तब जाकर हम जी सके, प्रिये तुम्हारे बाद ।।


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