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Kundan Kumar Singh

Inspirational

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Kundan Kumar Singh

Inspirational

प्रिय पतिदेव

प्रिय पतिदेव

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नहीं कहती हूँ आपसे कि चाँद -तारे तोडकर लाओ,

पर जब आते हो, एक मुस्कान साथ लाया करो।


नहीं कहती, के मुझे सबसे ज्यादा चाहो,

पर एक नज़र प्यार से तो उठाया करो।


नही कहती, के बाहर खिलाने ले जाओ,

पर एक पहर साथ बैठ के तो खाया करो।


नही कहती, के हाथ बंटाओ मेरा,

पर कितना करती हूँ, देख तो जाया करो।


नही कहती, के हाथ पकड के चलो मेरा,

पर कभी दो कदम साथ तो आया करो।


यूँ ही गुज़र जाएगा जिंदगी का सफ़र भागते भागते,

एक पल थक के साथ तो बैठ जाया करो।


नही कहती, के कई नामों से पुकारो,

एक बार फुर्सत से "सुनो" ही कह जाया करो।


नहीं कहती हूँ आपसे कि चाँद -तारे तोडकर लाओ,

पर जब आते हो, एक मुस्कान साथ लाया करो।


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