परिवर्तन
परिवर्तन
परिवर्तन जीवन सत्य है।
जो कल था वो आज नहीं,
जो अब है वो ना कल होगा
सुख में इतराते जी भर कर।
दुख आने से अज्ञान बने।
प्रसूति आनन्द से हर आंगन गुंजित
बिसरे मृत्यु के क़हर अनगिनत
बसंत के सौन्दर्य में उन्मादित मन को
कैसे याद नहीं पतझड़ बदरंग
है सीख यही जग मानव को
न दंभ भरो किसी पल भी तुम
प्रति पल परिवर्तित जीवन में
चिर स्थाई कुछ भी नहीं।
