परिवार तेरा
परिवार तेरा
परिवार तेरा हर संबंध तेरे
अधिकार तुम्हारा है उन पर
आज्ञा तुम्हारी मान रहे ना
उसका दोष बताओ है किस पर।।
दिन भर तुम बड़ी मेहनत करते
ध्यान ना देते तुम उन पर
कैसे व्यक्त करें अपने भाव को
विश्वास ना करते जब उन पर।।
शास्त्र हमारे कहते हैं सब
प्यार से रहो सब मिलजुल कर
लाड़ प्यार से बच्चे पालो
बात सुनो ध्यान धर कर।।
अपनी सुनाओ उनकी सुनो
बात करो ना तुम तन कर
क्रोध से सदा विरोध ही बढ़ता
उनकी सुनो प्रेमभर कर।।
आत्मीयता का भाव बढ़ाकर
ना उजागर कमियाँ कर
सब बच्चों का स्वभाव अलग है
उनकी, ना किसी से तुलना कर ।।
वक़्त रहते सुधार लो गलती
ना बच्चों में वैमनस्य भर
रगों मे वंश का रक्त दौड़ता
मना लो उनको तुम जाकर।।
