प्रेरणा
प्रेरणा
पढ़ लो मन से कुछ भी प्यारे, मंजिल मिल जाएगी ।
हुआ इरादा पक्का जब-जब,ध्वज को लहराएगी।।
सभी क्षेत्र ही मान भरे हैं ,श्रम से ही निखरे हैं ।
श्रम छूटा तो टूटे सपने ,सब कुछ ही बिखरे हैं।।
नहीं बाँटना विषयों से तुम ,सभी श्रेष्ठ होते हैं ।
लता साधिका गर स्वर की हैं, बच्चन में खोते हैं।।