संजोग
संजोग
आग और पानी का भी मेल होता है,
हर नतीजा नसीबों का खेल होता है।
नसीब खुद बनते है ,बनाए भी जाते हैं ।
सपने देखे जाते हैं, और दिखाये भी जाते हैं।।
सपने खुद पूरे नहीं होते, उन्हें पूरा करना पड़ता है ।
जिंदगी सूनी होती है, रंग भरना पड़ता है।।
रंग फीके होते हैं, तो सुनहरे भी होते हैं।
जख्म मामूली होते हैं, तो गहरे भी होते हैं।।
जख्म कैसा भी हो, उसका इलाज होता है।
आने वाले कल का आगाज होता है ।।
आगाज खुद पनपता है, अंजाम दिया जाता है।
वक्त कैसा भी हो, हर लम्हा जिया जाता है।।
लम्हा पल भर का होता है, गुजर जाता है।
दिल टूट जाए तो, बिखर जाता है।।
टूटे हुए दिल के, अरमान सो जाते हैं।
यादें मिलती हैं, इंसान खो जाते हैं।।
मुश्किलों में भी जीवन का सफर करना सीखो।
वक्त रहते सभी की कदर करना सीखो।।