प्रेम से हर रंग बरसे
प्रेम से हर रंग बरसे
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लाल गुलाबी नीला पीला सारे रंग अँगना बरसे
मिटा आपस के भेदभाव सबके मन हर्षे
रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे
प्रेम का रंग इतना गहरा चढ़े
जो कभी न दिल से उतरे
रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे
नफ़रतों को गुलाल सा हवा में उड़ा
गले मिल कर लो दूर शिकवे
रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे
भर दो हर रिश्ते में गुज़ियों सी मिठास
कोई सहसा ही न किसी पर बिन बात गरजे
रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे
थोड़ी भाँग भी मिला देना सम्बन्ध
ों में
जिससे झूमें हर कोई खुले मन से
रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे
हरियाली छा जाती गेहूँ की बाली से जैसे
वैसे हर घर आये हरियाली धन से
रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे
कर देना दहन होलिका में बुरे कर्म,घृणा और लालच को
जो आपस में मनमुटाव कर न मिलने देते दिल से
रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे
कोशिश करें पुष्पों के रंग से होली मनाने की
जिससे महकेगा हर आँगन भी जो सूने पड़े कबसे
रंग बरसे रंग बरसे रंग बरसे!