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Swarna Jyothi

Romance

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Swarna Jyothi

Romance

प्रेम पत्र

प्रेम पत्र

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पुराने से एक बटुवे में 

कुछ यादें रखी मिली

एक गुलाब सूखा सा

चूडी का टुकडा टूटा सा 

आधी कटी पेंसिल और 

एक मुडा-तुडा कागज़ 

मटमैला फटा फटा सा  


अचरज से थर्राते हाथों से खोला

लिखा था 

प्यार को प्यार के लिए प्यार से 

दो शब्दों का प्रेम पत्र 

पर नाम था नदारद 


यादों को खंगालने पर भी 

धुंधलका छंट न पाया 

ना जाने किस शख्स ने 

यह प्रेम पत्र था थमाया 


आज उम्र के इस मुकाम पर 

ज़िंदगी के इस पडाव पर 

गर झुंझला कर  

टुकडे कर दूं खत के 

तो भी मेरे ही कदम चूमेंगे 

टुकडे खत के  

अब किस से क्या करूं गिला 

इस प्रेम पत्र की क्या खता 

सोचक , मुस्कुरा कर सहेज लिया 

आज की यादों के संग 

फिर उसी बटुवे में.


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