प्रेम की गली
प्रेम की गली
प्रेम की गली में ये उदारता है क्यों ?
बार-बार दिल तुझे पुकारता है क्यों ?
तू नहीं तो तेरा एहसास है मुझे,
ऐसा लगे जैसे आस-पास है मुझे।
तेरे-मेरे चित्र नयन, उतारता है क्यों ?
बार-बार दिल तुझे पुकारता है क्यों ?
सच मानिए जब से आप मिल गए।
मन मधुबन में कई पुष्प खिल गए।
अंग-अंग दीप अब उजारता है क्यों ?
बार-बार दिल तुझे पुकारता है क्यों ?
मीरा श्याम रंग में दीवानी हो गई।
भक्ति अनुराग की कहानी हो गई।
गरल में सुधा, नेह उतारता है क्यों ?
बार-बार दिल तुझे पुकारता है क्यों ?
राधा व्याकुल हुई घनश्याम आ गए।
शबरी के जूठे बेर राम खा गए ।
ईश्वर भी प्रेम बस हारता है क्यों ?
बार-बार दिल तुझे पुकारता है क्यों ?
