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मिली साहा

Inspirational

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मिली साहा

Inspirational

प्रेम है जग में सबसे अनमोल

प्रेम है जग में सबसे अनमोल

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कथा है यह बड़ी पुरानी

एक राजा की थी सुंदर सी रानी

प्रेम में उसके पागल रहता था राजा

रानी को दी मोती की माला प्रेम निशानी।


बेशकीमती मोतियों की माला

रानी ने जब था अपने गले में डाला

घंटों निहारती रही वो आईने में उसको

प्रेम हो गया उसे मोतियों से ऐसा निराला।


फिर तो रात दिन सुबह शाम

निहारे माला यही रानी का काम

जिसके मन हृदय में बसा हुआ राजा

माला पाकर भूलने लगी वो उसका नाम।


भूलकर रानी सुध बुध अपनी

जुबां पे लेकर वो माला की कथनी 

राजा को करने लगी सदा नजरअंदाज

याद दिलाए भी कोई कहाँ उसको सुननी।


दिन बीते महीने कई बीत गए

देख राजा अब चिन्ता में डूब गए

कैसे इस समस्या का होगा निवारण

सोच सोच कर यही रोग ग्रस्त वो हो गए।


रानी को ख़बर मिली जब इसकी

प्रेम की सुप्त चेतना लौट आई उसकी

विक्षिप्त हो गया जो माला को लेकर मन

सोच लिया कोई जगह नहीं जीवन में इसकी।


लेकर उस माला को हाथ में रानी

कहने लगी अब नहीं है करनी नादानी

जिसे पाकर स्वयं के प्रेम को भुला दिया 

मेरी ज़िंदगी में न रहेगी उसकी कोई कहानी।


फेंक दिया माला जंगल में जाकर

बैठा जहांँ एक बगुला ताक लगाकर

फेंकते देख बेशकीमती माला को उसने

औचित्य पूछने लगा तब वो रानी से आकर।


अश्रु धारा बहने लगी आँखों में

दर्द झलक रहा था रानी की बातों में

प्रेम को भुलाने पर जिसने किया मजबूर

उस माला को क्यों स्थान दूंँ अपने जीवन में।


कितना भी अधिक माला का मोल

किंतु प्रेम तो है जग में सबसे अनमोल

मिला है जो मुझे भी यह तो नसीब है मेरा

प्रेम को किसी भी दौलत से नहीं सकते तोल।


सुन रानी का हाल-ए-दिल बगुला

फैसला सार्थक आपने लिया है बोला

समझ गया मैं प्रेम बड़ा इस जग में सबसे

बदनसीब वो जिसने प्रेम को दौलत से तोला।


स्वस्थ हुए राजा प्रेम मिला रानी का 

बड़ा सुखद अंत हुआ इस कहानी का

प्रेम पुष्पों की वर्षा जीवन पर्यंत होने लगी

सुखमय हो गया जीवन सफ़र राजा रानी का।


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