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Priyank Khare

Abstract

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Priyank Khare

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"प्रदूषण"

"प्रदूषण"

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खुली इन हवाओँ में घुला आज जहर है

शहर शहर में आज प्रदूषण का कहर है


गन्दे पानी का बहाव नदी में जा मिला है

पीने योग्य जल में अपशिष्ट पदार्थ घुला है


जीव, जंतु भी आज प्रदूषण के शिकार हैं

अशुद्ध प्रकृति से आज हर मानव बीमार है


प्रदूषण प्रबन्धन का यह अनुकूल विचार है

शुद्ध हो वायु और जल हमें प्रकृति से प्यार है


विषैले धुएं के दुष्प्रभाव का बड़ा असर है

सम्पूर्ण विश्व में आज प्रदूषण का पहर है


पेड़, पौधे रोपित कर हवा को शुद्ध बनाओ

सौम्य, सुंदर प्रकृति को प्रदूषण से बचाओ


शुद्धता के प्रति जन जन को सजग करना है

प्रदूषित पर्यावरण के प्रति हमें जंग लड़ना है।


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