प्रार्थी
प्रार्थी
जिस चिता पर ये समर्पित है
लकड़ी उसमें उन वृक्षों की है
जिन हरे भरे जीवित वृक्षों को
उसने बर्बरता से कटवाया था
इसकी काया से द्वेष नहीं
पंच तत्वों में मिल जाएगी
उनकी आत्मा से स्नेह नहीं
छाया रहित पथिक बनी रहे
अंतिम संस्कार में प्रार्थना है
उसका पुनर्जन्म माली का हो
जीवन भर वृक्षारोपण करे
हरित क्रांति का भागीदार बने।