"प्राकृतिक हंसी"
"प्राकृतिक हंसी"
बचपन की वो अल्हड़ सी हंसी अच्छी लगती है
बचपन की वो प्राकृतिक हंसी अच्छी लगती है
सदा ही आप हंसते रहे,गम के बादल हटाते रहे,
पर इस बनावटी हंसी से सदा ही आप दूर रहे,
बनावटी हंसी मुँह में राम,बगल में छुरी लगती है
प्राकृतिक हंसी सच मे संजीवनी बूटी लगती है.