प्लास्टिक प्रदूषण की भयावहता और हमारा अस्तित्व
प्लास्टिक प्रदूषण की भयावहता और हमारा अस्तित्व
आज प्लास्टिक प्रदूषण
अपने भयावह स्तर पर है
फिर भी हम चिंतित नहीं,
हर एक वस्तु कि पैकिंग
प्लास्टिक से की है जाती,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
खाने की प्रत्येक वस्तु की पैकिंग भी
रंगबिरंगी प्लास्टिक से की है जाती,
फिर हम चिंतित नहीं,
पेन, पढ़ाई की स्टेशनरी व
कार्यालय में ज्यादातर सामान
प्लास्टिक के बने हुए,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
घर के फर्नीचर ,कूलर,कुर्सी,मेज व
अन्य सामान भी प्लास्टिक के,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
घर की क्रॉकरी, रसोई का सामान रखने के
बर्तन तक भी प्लास्टिक के,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
घर में सामान लाने के लिए सभी बैग
प्लास्टिक के तथा सामान खरीदकर भी हम
पॉलीथीन में लाते,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
हमारे दैनिक प्रयोग के 80 प्रतिशत
सामान प्लास्टिक के ,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
सबसे खराब व भयानक स्थिति की
इस प्लास्टिक को प्रयोग कर हम
इधर उधर फेंक है देते,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
शहर के शहर प्लास्टिक के ढेर बन चुके,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
पानी के ज्यादातर श्रोत प्रदूषित हो चुके,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
लोगो को कैंसर जैसी बीमारियां हो रही है,
जानवर प्लास्टिक खाकर मर रहे है,
समुद्री जानवरों का जीवन भी खतरे में,
फिर भी हम चिंतित नहीं,
दोस्तों यदि अब भी हम प्लास्टिक
प्रदूषण को कम नहीं करेंगे तो कब करेंगे,
जब हमारे अस्तित्व पर खतरा होगा
तब हम क्या कर पाएंगे,
आज हमे दृढ़ निश्चय करना होगा,
प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा,
प्लास्टिक के प्रत्येक सामान को
बाय बाय कहना होगा,
प्रयोग की गई प्लास्टिक को भी एकत्र कर
उसको रिसाइकिल करना होगा,
प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना होगा,
समुद्र व नदियों के प्रदूषण को भी
कम करना होगा,
पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करना होगा,
अपना अस्तित्व बचाना होगा,
पृथ्वी पर जीवन को सुरक्षित करना होगा,
पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त करना होगा,