पिता माता और बेटी
पिता माता और बेटी
बेटी मां का गुरूर है बेटी।
मां का सम्मान है बेटी, पिता का अभिमान है बेटी,
बेटियाँ ही दुनिया को आगे बढ़ाती हैं,
बेटी अन्याय को खत्म करने कि ताकत भी रखती हैं।
अगर बेटी ने होती तो दुनिया कैसे चलती,
बेटी ही तो मां बनती है।
कभी दादी, नानी ,तो कभी दादी, सखी,
सहेली भी तो कभी बहु भी है बेटी,
तो क्यूं बेटियों को मारे,
आने वाला कल है बेटी ,
बेटियों से संसार है चलता,
बेटियाँ तो बेटियाँ ही होती है,
मां कि गुड़िया, पापा कि परियां होती हैं।।