Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Vanshraj suryvanshi

Classics

3.8  

Vanshraj suryvanshi

Classics

प्रेम

प्रेम

1 min
362


किसी ने सच ही कहा है, कि कोई व्यक्ति किसी को

सच्चा प्रेम करने की भी इजाजत भी नहीं देता है,

क्योंकि सच्चा प्रेम किया नहीं जाता वो तो हों जाता है,


वो तो कभी भी कहीं भी हों जाता है,

प्रेम सही, ग़लत ,सच, झूठ नहीं देखता है,

प्रेम तो पवित्र होता है,वो तो नी स्वार्थ होता है,

प्रेम उम्र नहीं देखता,


लेकिन कुछ लोग प्रेम को मजाक समझते हैं,

कहीं भी किसी से भी कहीं भी कुछ भी कह देते हैं,

ओर सामने वाले को लगता है कि वो भी उससे

प्रेम करने लगा है,


ओर जिसे प्रेम हो गया हो , उसे तो सामने वाले

कि हर बात सही लगती है चाहे वह ग़लत ही क्यों न कह रहा हो

प्रेम का दर्द कोन समझेगा और किसे सुनाएं,

हम तो आज भी वही खड़े हैं

जहां वो छोड़ गए थे,


हम तो आज भी वही खड़े हैं,

जहां वो छोड़ गए थे,

हमें आज भी उनका इंतज़ार है,

और कल भी रहेगा,


फर्क बस इतना है कि

कल वो हमसे प्रेम करते थे,

और आज किसी और से,

वो कल भी मतलबी थे,

और आज भी मतलबी है


प्रेम तो पवित्र होता है भगवान

कृष्ण ने भी तो राधा जी से किया,

लेकिन आज का प्रेम तो एक स्वार्थ है,

क्या किसी को करने के लिए क्या हम किसी और का 

सामना नहीं कर सकते हैं, 

मैं बस यही खत्म करती हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics