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Dr Archana Verma

Abstract

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Dr Archana Verma

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पिता के साथ खुशी के क्षण

पिता के साथ खुशी के क्षण

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हे ! पिता परमात्मा से सरीखे

तुम हो मेरे। 

जीवन की हर राह पर पथप्रदर्शक

 तुम हो मेरे।।

 

तुम चले उँगली पकड़ जो

शक्ति मुट्ठी में समाई।

दे कलम की शक्ति मुझको

जीवन में रचना है जगाई।।


तुम प्रणेता तुम हो सम्बल

 दिग्भ्रमित हों आज न कल।

तुम लिए हर हार के तल

 दे हमें हर जीत के पल।।


शांत चित्त व दया का भान

 तुमसे मिला हमें है ज्ञान।

सहते रहे गमों का तूफान

हमें दिलाया मान हर शान।।


तुमसे हुआ जीवन उद्धार

 रहे सदा ये साथ व प्यार।

जब आऊँ मैं घर के द्वार

तुम्हें दे सकूँ खुशियाँ अपार।।


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