पहला प्यार
पहला प्यार
दिल पर दस्तक दे रहा था वो मगर हौले हौले।
आहट सुन रहा था मैं मगर इंतजार में था पहले वह कुछ बोले।
पहली नजर का प्यार ही कुछ ऐसा होता है।
इंसान कशमकश में रहता है कैसे जुबां खोले।
हर वक़्त वजूद पर तारी एक खुमारी सी रहती है।
आंखों में बस वही एक सूरत प्यारी सी रहती है।
सुखद अहसास की ताज़गी से खिल उठता है चेहरा।
खुशमिजाजी में इंसान की खुशियों से यारी सी रहती है।
होकर दुनिया से बेखबर दिल ढूंढता है दिलबर।
दिन हो या रात मुहब्बत में होता नहीं सबर।
कितना भी छिपकर कर लो प्यार मगर
दुनिया को हो जाती है खबर।

