फिल्म
फिल्म
बातें -
कह देते हैं "हम",
बिना पढ़े - बिना समझे।
किसी उस न चलने वाली फिल्म की तरह
जिसे चलाने के लिए,
यूनिट की करनी पड़ती है 'अतिरिक्त' तारीफ।
जी हाँ! तारीफ की बातें।
और उस 'न चलने वाली फिल्म' की शूटिंग में,
कहते हैं डायलॉग, अपने अंदाज़ में, अपने स्वर में,
किसी और के लिखे हुए।
जी हाँ! संवादों में बातें।
हिलाते हैं होंठ,
किसी और के गाये गीत पर।
होती है न भई! गीतों में भी बातें।
और अगर बातों से भी न चले फिल्म तो....
खुल जाता है बट्टाखाता
किसी और यूनिट के नाम का।
क्योंकि...