पैसे का सत्य
पैसे का सत्य


पैसा सिर्फ दिला सकता है सभी भौतिक सुख
पर यह नही मिटा सकता किसी के मन का दुख
मनुष्य का जीवन है दुःख और सुख का मेला
इससे गुजरना पडता है हर किसी को अकेला
पैसा और प्रसिद्धी के लिये मानव करता सभी कृत्य है
पर वह यह भूल जाता है कि मृत्यु ही अंतिम सत्य है
सुख और दुःख के सागर में लगाता वह गोता है
ईश्वर का यदि साथ मिले तभी बेडा पार होता है.