पास बुलाती है
पास बुलाती है
मुझे मजा आता है,
तेरे चेहरे को देखना।
दिल खिलता जाता है,
तुम्हें मुस्कराते देख कर।
पता नहीं ये क्या है,
पर धड़कनें बड़ा देता है।
और दिल में प्यार को,
निश्चित जगा देता है।
सपनो में भी अब,
वो देखने लगे है।
सोते जागते भी समाने,
वो ही वो दिखते है।
तभी तो रात भर करवटें बदलकर,
बिना सोये गुजार रहे है।
ये प्यार है या मोहब्बत उनसे,
जो बिना जाने पहचाने जग गई।
आंखों के मिलने मात्र से,
उनसे प्यार पनप रहा है।
दिल-दिमाग पर एक नशा सा,
छाये जा रहा है।
चेहरा उनका दिखने मात्र से,
दिल में तरंगें दौड़ जाती है।
और मेरे दिल की धड़कनें
उन को पास बुलाती है।