STORYMIRROR

Dr. Nisha Mathur

Inspirational

4  

Dr. Nisha Mathur

Inspirational

पापा, आना सरहद पार से

पापा, आना सरहद पार से

1 min
517


पापा, आना सरहद पार से

दुश्मन के घर बार से


रस्ता देखें थकी है अखियां

चुप हूं मेरी खो गयी निंदिया

सुन! चिठ्ठी तेरे नाम पे!!

पापा................................


दादी करे भगवान से बातें

बूढे दादा यूं दिन भर खांसे

बस! तेरी फोटो थाम के!!

पापा................................


मां मेरी तो निष्प्राण पङी है

छोटी बहन भी शून्य खङी है

यूं! हाथ कलेजा थाम के!!

पापा................................


पुरवइया फिर लोरी गा देंगी

यादें हमारी मरहम रख देंगी

हां! तेरी घायल चाम पे!

पापा................................


मां कहती तू अब ना आयेगा

ना ही तेरा कोई शव आयेगा

हम ! बैठे तिरंगा थाम के !

पापा, आना सरहद पार से

दुश्मन के घर बार से।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational