पागल लड़की ~6
पागल लड़की ~6
एक पागल सी लड़की थी
जो पागल की दीवानी थी,
कर कुर्बान हर सांस उसे
अब खुद से ही बेगानी थी,
ना हीर रही ना लैला वो
ना सोनी की महीवाल रही,
वो सेनो थी अपने ज़ाना की
और बाहों में खुशहाल रही,
एक दूजे में थी दुनियाँ उनकी
मोहब्बत ना जिस्मानी थी,
इत्ती पागल लड़की थी
बस पागल की दीवानी थी,
वो दूर हुए तो टूट गई
एक बात अधूरी छूट गई,
मालूम था ज़ाना आयेगा
सो हंसते हंसते रूठ गई,
पर ज़ाना की मजबूरी थी
ना कोई झूठ कहानी थी,
वो सेनो पागल लड़की थी
जो ज़ाना की दीवानी थी!

