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Vaishali Raut

Fantasy

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Vaishali Raut

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नववर्ष का सूरज

नववर्ष का सूरज

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लो मैं फिरसे आ गया हूँ

नई ऊर्जा मैं लाया हूँ।

नाम सूरज हैं मेरा

काम, दूर करना अँधेरा।


फैलाई हैं मैंने अपनी बाँहे

तुम चून ले ना सहीं सहीं राहे।

फिरसे किरणोकी की हैं बौछार

दुष्कर्मो की होनी हैं हार।


उजाला पहूँचे हर उस जगहँ

गरीबोंको न मिल रही जहाँ पनाह।

मैं तो दान हर रोज करता हूँ

सभी जीवोंको आशीर्वाद देता हूँ।


ना मैं कभी उभरता हूँ

ना कभी डूबता हूँ

मैं तो बस इस विश्व को

जीवनदान देता हूँ

नई ऊर्जा साथ लाता हूँ।


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