हे भारत माँ
हे भारत माँ
हे भारत माँ
मैं शीश नमाऊँ,
तेरी चरणों में
अपने प्राण गंवाऊं...१
इस मिट्टी से
मैं करूँ राजतिलक
चमके मेरा माथा
जैसे हो कनक.....२
तेरी नदियों का पानी
खिलाता है खलियान को
फसल जो उगती,
हँसाए किसान को....३
सुंदरता बढ़ती है सदा
इस ऊँचे हिमालय से
चार चाँद लगे जमीन को
हिंद सागर के जलाशय से...४
पूरब पश्चिम, उत्तर दक्षिण
जहाँ जाओ, है विविधता
पर भारत माँ के सपूत
हमेशा जाने एकता......५
हे मातृभूमि, तेरी शरण में
सफल है हमारा जीवन,
समर्पित, तुझको है माँ
रक्त का हर एक कण.....६
