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Richa Goswami

Tragedy

4.3  

Richa Goswami

Tragedy

#नवरात्रि डायरीज#नौवा गुलाबी

#नवरात्रि डायरीज#नौवा गुलाबी

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जहां बेटियां हैं वहां

रंग भी है, उमंग भी है

खुशियां भी हैं

जिस घर में बेटी हो वहां सौभाग्य भी है

तिरस्कार मत कर बेटियों का

बेटियों से यह मानव जात भी है

इज्जत करो बेटियों की

कन्या भ्रूण पाप भी है

नीयत तुम्हारी खराब , ज़िन्दगी हमारी बर्बाद

सोच तुम्हारी गलत थी पर जमाने ने हमें है गलत ठहरा दिया

मै उड़ना चाहती थी,कुछ करना चाहती थी मगर तुमने पर काट कर हमें जमीं पे गिरा दिया

कसूर तुम्हारा था ,कसूरवार हमें बना दिया

मैं लड़की थी ,क्या इसलिए मुझे जीते जी मार दिया।


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