नव निर्माण
नव निर्माण
हम ऐसा कुछ काम करेंगे
अपने वतन का नाम करेंगे,
जाति-धर्म से दूर हो कर
भारत माँ का मान करेंगे।
यह धरती बुद्ध महान की
यह धरती कृष्ण और राम की,
इस धरती की पावनता का
विश्व में अभिमान करेंगे।
स्वर्ण स्वर्ग सी यह धरती
गंगा यमुना कावेरी की,
आज रक्त की बूँदों से
हम इसका अभिषेक करेंगे।
शस्य श्यामला सुजला सुफला
अब नहीं है नारी अबला,
त्रुटियों से कुछ सीख ले कर
राष्ट्र का नव- निर्माण करेंगे।