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Prashant Bebaar

Abstract Classics

4  

Prashant Bebaar

Abstract Classics

नंगी सड़क

नंगी सड़क

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303


बहुत लद गयी थी सड़क

भारी भरकम लिबासों से

लिबास जो मुद्दत से धुले न थे

गंदे मैले कुचले

ट्रक्स की ट्राउज़र डाले

कब से थक रही थी सड़क


जब से लॉकडाउन हुआ है

सड़क ने उतार फेंके हैं लिबास वाहनों के

स्कूटर साईकल की चुन्नी

कार की शर्ट

ट्रैक्टर का कोट

और पैदल जांघिया तक


नग्न, निर्वस्त्र, 

आज़ादबेबाक है सड़क

सड़क की कुहनी से 

जो'डामर' उखड़ गया था

अब चोट-खुर्चट,

घाव भर रहे हैं उबटन का लेप लगाकर 

घूमती सड़क

निखरेगी जल्द ही

और लद जाएगी लिबास से

फिर एक बार। 


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