STORYMIRROR

Tanha Shayar Hu Yash Pal

Abstract

4.5  

Tanha Shayar Hu Yash Pal

Abstract

नमक

नमक

1 min
437


जिनको शौक है मीठा खाने का 

उनसे कहो कि हमसे दूर रहे , 

हमे लोग कभी कड़वा नीम तो 

कभी खारा नमक कहते हैं। 

  

हम थोड़ा ज्यादा हो 

तो स्वाद बदल देते हैं , 

ज़िंदगी के अच्छे बुरे 

हर ख्वाब बदल देते हैं। 


और थोड़ा जायका 

रहने दो ज़िंदगी में 

हम वो नमक,जो चेहरों 

के भाव बदल देते हैं

 

ये दुनिया नमक से भरी, 

बड़ी नमकीन है

मैंने देखी महफिलें

खाने के शौकीन हैं


जाने कौन मुट्ठी में 

ज़हर लिए बैठा हो

ज़रा झटक झटक 

के आजमाया करो। 

तनहा शायर हूँ ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract