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Sunita Katyal

Abstract

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Sunita Katyal

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नजर नहीं आता

नजर नहीं आता

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नजर नहीं कोई आता

दुखड़ा सुनाऊं जिसको अपना

ज़रूरी हो गया है हर समय

 मुखौटा लगाना 

दिल में कुछ भी हो

बाहर कुछ और दिखाना

दुनिया की रीत है भाई

खुशियों में हर कोई साथ निभाता

पर रोने के लिए कोई 

अपना कन्धा नहीं दे पाता



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