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Kanika Singh

Tragedy

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Kanika Singh

Tragedy

निर्भया के शब्द

निर्भया के शब्द

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मुझे लगा मेरे बाद ये देश संभल जाएगा,

मुझे लगा मेरे बाद कानून बदल जाएगा।

पर अफसोस ! आज भी,

कुछ लोगों की गंदी सोच किसी

मासूम बच्ची की जान लेने का बहाना है,

ये अंधेरी गलियां आज भी

गुनाहगारों का ठिकाना है।


मां, मैं लड़की हूं, ये भगवान का कर्म था,

मुझे पूजा जाएगा भारत में लक्ष्मी की तरह, 

ये मेरा भ्रम था। मैं अपनी रहम मांगी भी को से

उन भेड़ियों के अंदर इंसान नहीं जगा पाई , 

अफसोस मेरी मां तू मुझे नहीं बचा पाई। 


बेटी को सुरक्षा देने की जगह यहां

गुनाहगारों को सुरक्षा दी जाती है ,

गुनाहगारों को फांसी देने की बजाए

यहां बेटियों की बलि दी जाती है।


देख भगतसिंह देख, आज भी तेरे

भारत में तेरी मां और बहनेम

कुछ भेड़ियों की भूख का शिकार हो जाती है। 


और कितनी निर्भया को मरना पड़ेगा

कि ये देश संभल जाए  

और कितनी निर्भया को लड़ना पड़ेगा

सोच न सही, मगर कानून तो बदल जाएं।

यूँ ही चलता रहा तो एक दिन

ये देश फिर गुलाम हो जायेगा

क्योंकि एक दिन हर फौजी अपनी बेटी की

रक्षा करने के लिए सहरद से वापस लौटा आयेगा।


लेकिन मेरी चीखों को सुनता कौन ? 

ये देश तो गहरी नींद सोया है।

मुझे इंसाफ देगा कौन ? 

ये देश तो अंधेरों में खोया है।

ये देश जब तक नहीं बदलेगा 

जब तक भेड़िये सड़कों पर है

और शेर घर में सोया है।


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