नई उम्मीदें
नई उम्मीदें
क्या निकल गया हाथों से
क्या रह.गया पीछे
जिसके दिल में उम्मीद है
वह हार कर भी जीते
उम्मीद क्या नई पुरानी होती है
बस दृढ़ विश्वास करके मन में जगानी होती है
उम्मीद से सारा सिस्टम है
उम्मीद पर दुनिया कायम है
दुखी क्यों रहना हरदम
उम्मीद है तो खुश है मन
बाबा मुझ पर बस मेंहर रखना
उम्मीद है तुझको तकना
तू देने वाला है फैलाना बस दामन
जब से तेरे शरण में आए हैं
बिन मांगे खुशियां पाए हैं
ऐसे ही महकाए. रखना मेरा यह जीवन।