STORYMIRROR

नई राह..

नई राह..

1 min
13.3K


छोटी-सी हल्की मासूम मुस्कान 

जैसे अनगिनत तारे छुपाया आसमान

नटखट शरारती तेज़ वो आँखें 

खो जाये हर कोई जो उनमे झाँकें

यहाँ-वहाँ घूमती हुई नज़र 

कर चुकी मुझपे अपना असर

सोचके उसे लगेे मिल गई है नई राह

हर रोज़ लगी रहे बस उसे ही देखने की चाह...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance