नई किरण
नई किरण
चलो हम मिल के देश जगाएं
एक नयी उम्मीद बनाए
ना जलते मंजिर न लुटते घर
सब के दिल मैं प्यार जगाएं
आओ मिल कर देश जगाए
क्यों मिल के अब हम रह न पाएं
एक दूजे को सेह न पाएं
देश वही है लोग वही हैं
फिर क्यों न हम एक
बेहतर कल बनाएं
देकर हाथ और साथ भी देकर
सब मिल कर ये युग सजाएं
मिल कर रहे और प्यार ही बांटे
खिलता हुआ हम हिंदुस्ता बनाएं
आओ मिल कर प्रण लो
अब सब सोया हुआ ज़मीर जगाये
हिंदुस्तान ही आगे दिखे
यहां भी अपनी नजर चलायें
आओ मिल कर हम सब
फिर नया एक जहान बनाए।