नहीं हूं मैं अलग
नहीं हूं मैं अलग
नहीं हूँ मैं अलग, जरा देख तो सही।
तू जनक है तो, मैं हूँ जननी
तू हवा है तो, मैं हूँ पानी
नहीं हूँ मैं अलग, जरा देख तो सही।
तू सूरज है तो, मैं हूँ चादँनी
तू बादल है तो, मैं हूँ बरसात
नहीं हूँ मैं अलग, जरा देख तो सही।
तू रास्ता है तो, मैं हूँ मंजिल
तू धूप है तो, मैं हूँ छाया
नहीं हूँ मैं अलग, जरा देख तो सही।
तू आकाश है तो, मैं हूँ पृथ्वी
तू फूल है तो, मैं हूँ कली
नहीं हूँ मैं अलग , जरा देख तो सही।
तू नदी है तो, मैं हूँ किनारा
तू नर है तो, मैं हूँ नारी
नहीं हूँ मैं अलग, जरा देख तो सही।
तू है तो, मैं हूँ
मैं हूँ तो, तू है
नहीं चलती दुनिया, किसी एक के होने से
नहीं हूँ मैं अलग, जरा देख तो सही।
