नगमा
नगमा
पल भर ही मुस्कराना,
उनकी शराफत बन गयी है।
बेवक्त रूठ जाना,
उनकी नजाकत बन गयी है।।
उनकी हर कहानी,
अब बेइमानी बन गयी है।
खामोशियां भी उनकी,
अब कयामत बन गयी हैं।।
पल भर ही मुस्कराना,
उनकी शराफत बन गयी है।
बेवक्त रूठ जाना,
उनकी नजाकत बन गयी है।।
उनकी हर कहानी,
अब बेइमानी बन गयी है।
खामोशियां भी उनकी,
अब कयामत बन गयी हैं।।