नेह की डोर
नेह की डोर
सदा प्रबल ही बनी रहे नेह
की डोर इत ऊत चहुं ओर
संबंधों में गर्मी और ऊर्जा
कायम रहे बिना किसी शोर
सदा सर्वदा काम आ सकूं
मैं अपनों के हित में काम
सतत फलता औ फूलता रहे
जनमानस में कुल का नाम
नववर्ष की उज्ज्वल किरणों
से मिले मन को ऊर्जा अनंत
सुकर्मों की सुगंध से महकती
रहे सकल फिजा दिग दिगंत
