Jahanvi Tiwari

Inspirational

4.7  

Jahanvi Tiwari

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नारी की स्वतंत्रता

नारी की स्वतंत्रता

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नारी की स्वतंत्रता अभी भी है एक सपना

हम क्यों निर्भर है?

अपने हक और अधिकार के लिए समाज पर,

क्यों कठपुतली सी बन कर सौंपते हैं,

इस पुरुष प्रधान समाज को अस्तित्व अपना,

अपनी स्वतंत्रता को खुद हमने क़ैद करके

रखा है पुरुषों के नज़रों से हमेशा खुद को

परखा है ,


अगर समाज की हर नारी एक दूजे का

सम्मान करे,

किसी मर्द की क्या मजाल वह औरत का

अपमान करे,

खुद को खुद खुद गुलाम हम,

दोष क्यों देते गैरों पर समाज के नियमों की

कुल्हाड़ी मारते अपने पैरों पर

है समाज गर पुरुष प्रधान तो पुरुष प्रधान

हमने है बनाया

पुरुषों की सहूलियतों को नियम समझकर

है अपनाया


सोच गुलामी वाली छोड़ो और खुद पर

विश्वास करो अपने स्वतंत्रता के मालिक

खुद बनो और एक इतिहास रचो,

दिखा दो इस दुनिया को औरतें किसी

से कम नहीं,

आलोचनाओं से डरकर पीछे हट जाने

वालों में हम नहीं

बहुत हुआ बस बहुत हुआ अब

अब ना समझो अबला खुद को परंपराओं के

चश्मे से ना देखो तुम खुद को अंधेरों में

तुम जलती हुई मशाल बन जाओ अपने

स्वतंत्रता की मालिक खुद बना और

एक मिसाल बन जाओ


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