नारी जीवन
नारी जीवन
मजबूरियों का जाल है औरत की जिंदगी,
कितना बड़ा सवाल है औरत की जिंदगी।
गांवों ने अगर रौंदा तो शहरों ने उछाला,
क्या कोई फुटबॉल है औरत की जिंदगी।
भाई और मां -बाप के लिए,
सर का सफेद बाल है औरत की जिंदगी।
दुनिया को जिसने खुशबूएं बांटी उम्र भर,
कांटों भरी वह डाल है औरत की जिंदगी।
चूनर की जगह इसको कफन तो ना दीजिए,
वैसे तो तंग हाल है औरत की जिंदगी।