ना जाने
ना जाने
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ना जाने क्यों टूटा हुं मैं
सारी दुनिया से रूठा हुं मैं
दिल सच्चा है, लेकिन ज़माने के लिए झूठा हुं मैं
आज फिरसे गीरकर अपने पैरों पर उठा हुं मैं