ना हवाओं से बात करनी है
ना हवाओं से बात करनी है
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ना हवाओं से बात करनी है,
न बहारों से बात करनी है,
जब दरिया पार करनी है तो
किनारों से बात करनी है।
खुद पर यकीन अगर है तो
अंधेरों की बिसात क्या है ?
निकले हैं घर से तो
कुछ कर दिखा जाऊंगा।
ना रोक सकता है
मुझे दुनिया में कोई
बिखरे हुए आसमान में
सूरज की तरह छा जाऊंगा।