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Wakil Kumar Yadav

Inspirational

5.0  

Wakil Kumar Yadav

Inspirational

ना हवाओं से बात करनी है

ना हवाओं से बात करनी है

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ना हवाओं से बात करनी है, 

न बहारों से बात करनी है, 

जब दरिया पार करनी है तो 

किनारों से बात करनी है। 


खुद पर यकीन अगर है तो 

अंधेरों की बिसात क्या है ?

निकले हैं घर से तो

कुछ कर दिखा जाऊंगा।


ना रोक सकता है

मुझे दुनिया में कोई 

बिखरे हुए आसमान में 

सूरज की तरह छा जाऊंगा।


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