मुश्किलों को देख
मुश्किलों को देख
मुश्किलों को देख अपने इरादे नहीं बदला करते
मंजिल मिले ना मिले हम कोशिश नहीं छोड़ा करते
समर्पण ही जिंदगी है ये बात नही भूला करते
ठान लिया तो ठान लिया हम पीछे नहीं हटा करते
रास्ते चाहें दे बदल पर अपनी मंजिल नहीं बदला करते
दोधारी तलवार हम कभी रखा नहीं करते
इरादे रखते साफ हमेशा फिर कभी बदला नहीं करते
मौत से भी जूझने में हम नहीं हटा करते
वक्त साथ दें ना दें हम सुई घड़ी की बदला नहीं करते
बैटरी निकाल घड़ी की सुईयों को ही रोक दिया करते
रास्ता साफ लंबा देख काफिले साथ है देते
दुर्गम रास्ते के सफर में साये भी साथ नहीं देते
तूने फिर कैसे सोच लिया कोई साथ तेरा यहां देगा
दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा।