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Sunil Maheshwari

Abstract

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Sunil Maheshwari

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मुश्किलें ही जिंदगी का इंम्तिहान है

मुश्किलें ही जिंदगी का इंम्तिहान है

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वो सपने ही क्या जिसमें नींद ना आये,

जिसमें डर ना आये,

वो मंजिल ही क्या,

जिसमें आँसू ना आये,

जिसमें गिरकर उठना ना आये,


वो रास्ते ही क्या जिसमें चार लोग ना आये,

जिसमें मन में शंका ना आये,

वो समय ही क्या,

जिसमें लोगों की परख ना आये,


जिसमें खुद पर भरोसा ना आये,

वो दिन ही क्या जिसमें ख्वाब ना आये,

जिसमें कागज पर कलम ना आये।

वो रिश्ता ही क्या,


जो वक्त वे वक्त काम ही न आये,

वो दोस्त ही क्या,

जो मुसीबत मैं साथ ना दे पाये,

वो सफलता ही क्या,

जिसमें लोगों की सराहना ना आये।


वो जिंदगी ही क्या,

जिसमें मुश्किलें और मुसीबतें ना आये।


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